दौंड-पुणे ट्रेन में शॉर्ट सर्किट से लगी आग

पुणे, 16 जून 2025: महाराष्ट्र के पुणे जिले में सोमवार सुबह दौंड-पुणे डीईएमयू (डीजल इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन के शौचालय में आग लगने की घटना ने यात्रियों में हड़कंप मचा दिया। यह आग एक यात्री द्वारा कथित तौर पर जलती बीड़ी कूड़ेदान में फेंकने के कारण लगी। इस हादसे में एक यात्री शौचालय में फंस गया था, लेकिन सतर्क यात्रियों की त्वरित कार्रवाई से उनकी जान बच गई।

घटना का विवरण

रेलवे पुलिस के अनुसार, यह घटना सुबह करीब 8 बजे पुणे जिले के यवत स्टेशन के पास हुई। एक 55 वर्षीय यात्री, जो मध्यप्रदेश का निवासी है, ने बीड़ी पीने के बाद उसे ट्रेन के शौचालय के पास कूड़ेदान में फेंक दिया। कूड़ेदान में मौजूद कागज और अन्य ज्वलनशील सामग्री ने तुरंत आग पकड़ ली, जिससे शौचालय से धुआं निकलने लगा। धुएं और आग की लपटों से डिब्बे में अफरा-तफरी मच गई।

इसी दौरान, एक यात्री शौचालय में फंस गया था, क्योंकि दरवाजा लॉक हो गया और खुल नहीं रहा था। उसकी चीखें सुनकर और धुआं निकलता देख, कुछ साहसी यात्रियों ने शौचालय का दरवाजा तोड़कर उसे सुरक्षित बाहर निकाला। उनकी समय पर कार्रवाई ने यात्री की जान बचा ली।

रेलवे और पुलिस की कार्रवाई

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आग पर तुरंत काबू पा लिया गया और इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटना के कारण ट्रेन यवत स्टेशन पर लगभग 20 मिनट तक रुकी रही। रेलवे पुलिस ने मध्यप्रदेश के 55 वर्षीय व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जिसे प्रारंभिक जांच में मानसिक रूप से अस्थिर बताया जा रहा है। उसे स्थानीय पुलिस को सौंप दिया गया है, और मामले की जांच जारी है।

रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, “प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आग जलती बीड़ी के कूड़ेदान में फेंके जाने से लगी। हम इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

यात्रियों की साहसिक भूमिका

रेलवे पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि जिस डिब्बे में आग लगी, उसमें बहुत कम यात्री थे, जिससे स्थिति को नियंत्रित करना आसान रहा। फिर भी, शौचालय में फंसे यात्री को बचाने में कुछ यात्रियों की सूझबूझ और साहस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि अगर दरवाजा समय पर नहीं तोड़ा जाता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।

रेलवे सुरक्षा पर सवाल

यह घटना रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठाती है। ट्रेनों में ज्वलनशील सामग्री के प्रबंधन और यात्रियों की सुरक्षा के लिए नियमित जांच की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों और यात्रियों ने मांग की है कि रेलवे प्रशासन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

निष्कर्ष

दौंड-पुणे डीईएमयू ट्रेन में लगी आग ने यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। हालांकि, सतर्क यात्रियों के साहस और रेलवे प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया। इस घटना ने रेलवे को अपनी सुरक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत को उजागर किया है।

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