साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप 2025: भारत की हिलांग याजिक ने रचा इतिहास

स्थान: थिम्फू, भूटान

15वीं साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग एंड फिजिक स्पोर्ट्स चैंपियनशिप 2025, जो 11 से 15 जून तक भूटान की राजधानी थिम्फू में आयोजित हुई, ने दक्षिण एशिया के शीर्ष बॉडीबिल्डर्स को एक मंच पर ला खड़ा किया। इस प्रतिष्ठित आयोजन में भारत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कई पदक अपने नाम किए, जिसमें अरुणाचल प्रदेश की हिलांग याजिक का ऐतिहासिक प्रदर्शन सुर्खियों में रहा।

हिलांग याजिक: भारत की नई बॉडीबिल्डिंग स्टार

अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले की 24 वर्षीय हिलांग याजिक ने इस चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया। उन्होंने विमेंस मॉडल फिजिक (155 सेमी तक) श्रेणी में स्वर्ण पदक और एक अन्य श्रेणी में रजत पदक जीता। यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण पदक जीतने वाली अरुणाचल की पहली महिला बॉडीबिल्डर बनाती है।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने उनकी इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा, “हिलांग याजिक ने साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण और रजत पदक जीतकर न केवल अरुणाचल बल्कि पूरे भारत का नाम रोशन किया है। वह हमारी नई प्रेरणा हैं।”

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी उनकी प्रशंसा करते हुए ट्वीट किया, “मुझे खुशी है कि भारत की हिलांग याजिक ने थिम्फू में आयोजित 15वीं साउथ एशियन बॉडीबिल्डिंग चैंपियनशिप में 1 स्वर्ण और 1 रजत पदक जीता।”

भारत का शानदार प्रदर्शन

हिलांग के अलावा, भारत के अन्य बॉडीबिल्डर्स ने भी इस चैंपियनशिप में अपनी छापandria.

  • गोवा के जॉनी डिसूजा ने पुरुषों की श्रेणी में रजत पदक और तेजस शेटगांवकर ने चौथे स्थान पर कब्जा किया।
  • त्रिपुरा की रीता नाग ने 55 किग्रा श्रेणी में कांस्य पदक जीता, जो भारत के लिए एक और गौरवपूर्ण क्षण रहा।
  • असम के कुशल और साया ने भी पदक जीतकर राज्य का नाम ऊंचा किया।

भूटान का शानदार आयोजन

भूटान ने 14 वर्षों बाद इस चैंपियनशिप की मेजबानी की, जिसमें 7 देशों (भारत, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, मालदीव, पाकिस्तान और अफगानिस्तान) के 67 एथलीटों ने 20 विभिन्न श्रेणियों में हिस्सा लिया। भूटानी बॉडीबिल्डर्स ने पहले दिन 4 स्वर्ण, 2 रजत और 3 कांस्य पदक जीते।

सोनम फुंटशो जैसे भूटानी एथलीट मिस्टर साउथ एशिया 2025 की दौड़ में थे, जिसने इस आयोजन को और भी रोमांचक बना दिया।

पाकिस्तान के उसामा सईद ने भी स्वर्ण पदक जीतकर अपने देश का नाम रोशन किया। इस चैंपियनशिप ने दक्षिण एशियाई देशों के बीच खेल भावना और एकता को बढ़ावा दिया।

हिलांग याजिक की प्रेरणादायक यात्रा

कुरुंग कुमे जैसे सुदूर क्षेत्र से आने वाली हिलांग की यह उपलब्धि न केवल उनकी मेहनत और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी सपना हकीकत में बदल सकता है। अरुणाचल बॉडीबिल्डिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष नबम तुना ने कहा, “हिलांग की सफलता नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करेगी, खासकर पूर्वोत्तर की महिला एथलीटों के लिए।

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